मियाज़ाकी आम को विश्व का सबसे महँगा आम कहा जाता है, जिसे जापान में “Egg of the Sun” के नाम से जाना जाता है। इसकी विशेषताएं हैं – गहरा लाल/बैंगनी रंग, अत्यधिक मिठास, उच्च फ्रुक्टोज़ लेवल, और अत्यंत आकर्षक बनावट। यह आम पारंपरिक आमों से न केवल स्वाद में बेहतर है, बल्कि इसकी वाणिज्यिक कीमत भी बहुत अधिक है।
यह किस्म अब भारत के कुछ हिस्सों जैसे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, ओडिशा और महाराष्ट्र में परीक्षण स्तर पर सफलतापूर्वक उगाई जा रही है।
🌱 पौधरोपण एवं देखभाल सुझाव:
धूप: पूर्ण धूप में विकसित होता है (6–8 घंटे प्रतिदिन)
मिट्टी: जैविक तत्वों से भरपूर, अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी
सिंचाई: ड्रिप सिंचाई विधि अत्यधिक लाभदायक
खाद: वर्मी कम्पोस्ट, बोन मील, नीम खली
दूरी: 10 x 10 फीट (हाई डेंसिटी प्लांटेशन में संभव)
🌾 मियाज़ाकी आम की खेती के लाभ (Why Miyazaki Farming in India):
बिंदु
लाभ
🔹 अंतरराष्ट्रीय मूल्य
उच्च एक्सपोर्ट वैल्यू और विदेशी मुद्रा में लाभ
🔹 आकर्षक रंग
बाजार में तुरंत ध्यान आकर्षित करता है
🔹 कम प्रतिस्पर्धा
भारत में अभी सीमित उत्पादक हैं, इसलिए पहले मूवर का लाभ
🔹 मूल्य संवर्धन
जैविक विधि से उगाकर प्रीमियम ब्रांडिंग की संभावना
🔹 पर्यावरण अनुकूल
शुद्ध उष्णकटिबंधीय मौसम में कम रोगों की संभावना
📦 किसानों के लिए सुझाव:
इस किस्म की खेती के लिए नियंत्रित वातावरण (जैसे मल्चिंग, जालघरों, ड्रिप सिंचाई) का उपयोग करें।
बागवानी विभाग या किसी मान्यता प्राप्त नर्सरी से प्रमाणित पौधे ही लें।
मियाज़ाकी आम की पौध से 4 से 5 वर्षों में उत्पादन शुरू हो जाता है।
🔍 मुख्य विशेषताएँ:
विशेषता
विवरण
स्वाद
अत्यंत मीठा (Brix स्तर 15–20)
रंग
बैंगनी से लाल चमकदार
उपयोग
टेबल फ्रूट, उपहार, निर्यात
भंडारण
10–12 दिन तक अच्छा स्टोर
वजन
300–500 ग्राम प्रति फल
📢 पंचलाइन (Punchlines):
“शानदार स्वाद, सुनहरी कमाई – मियाज़ाकी आम!”
“खेत से सीधा विदेश तक – अगली क्रांति मियाज़ाकी की!”