Barafkhan Guava उत्तर भारत में प्रसिद्ध एक पारंपरिक लेकिन बेहतरीन किस्म है, जो अपनी मुलायम सफेद गूदा, कम बीजों और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है। इसका फल आकार में आकर्षक होता है और घरेलू बाजार में अच्छी कीमत प्राप्त करता है।
यह किस्म फलों की गुणवत्ता, बेहतर उपज और स्थानीय बाजार में मांग के कारण छोटे किसानों और बागवानी उद्यमियों के लिए एक उत्तम विकल्प बन चुकी है।
🌱 पौधरोपण एवं देखभाल सुझाव (Planting & Care Tips):
धूप: प्रतिदिन 6–8 घंटे की सीधी धूप आवश्यक
मिट्टी: अच्छी जलनिकासी वाली दोमट मिट्टी उत्तम
सिंचाई: नियमित रूप से हल्की सिंचाई; जलभराव से बचें
खाद प्रबंधन: वर्मी कम्पोस्ट, नीम खली, जैविक उर्वरक का उपयोग करें
फसल दूरी: 10×10 फीट या आवश्यकता अनुसार हाई डेंसिटी में 6×6 फीट
🌾 अमरूद की खेती के प्रमुख पहलू (Key Aspects of Guava Cultivation):
1. जलवायु एवं मिट्टी (Climate and Soil):
बरफखान अमरूद गर्म जलवायु और हल्की से मध्यम दोमट मिट्टी में अच्छी उपज देता है।
2. किस्म चयन (Variety Selection):
बरफखान किस्म पारंपरिक मिठास, मजबूत खुशबू और स्थानीय बाजार में उच्च मांग के लिए चयन की जाती है।
3. पौधरोपण (Planting):
मानसून से पहले या वसंत ऋतु में पौधरोपण उपयुक्त रहता है।
4. बाग प्रबंधन (Orchard Management):
समय-समय पर छंटाई, खरपतवार नियंत्रण, और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग आवश्यक।
5. तुड़ाई व भंडारण (Harvesting & Post-Harvest):
फल जब हल्के पीले रंग में परिवर्तित हो और सुगंध आने लगे, तब तुड़ाई करें।
6. हाई डेंसिटी प्लांटेशन (High-Density Planting):
कम जगह में अधिक पौधे लगाकर उपज और लाभ दोनों बढ़ाए जा सकते हैं।
🌟 मुख्य विशेषताएँ (Key Highlights):
विशेषता
विवरण
गूदा रंग
मुलायम सफेद
स्वाद
बेहद मीठा और ताज़गी से भरपूर
बीज
कम मात्रा में
उपज
35–55 किलो प्रति पेड़
उपयोग
ताज़ा फल, घरेलू बिक्री, उपभोग
अनुकूलता
देसी जलवायु में भी अच्छा प्रदर्शन
📢 प्रचार वाक्य (Promotional Lines):
“बरफ जैसी सफेदी, शहद जैसी मिठास – यही है बरफखान अमरूद की खास बात!”
“घरेलू उपभोग हो या बिक्री – बरफखान अमरूद में है असली ताज़गी!”